तेरा जीवन है अनमोल, रसना हरी हरी बोल !!
क्यूँ कहता है मेरा मेरा, नहीं जगत में कुछ भी तेरा!!
रस में विष मत घोल, रसना हरी हरी बोल !!
पाप कपट कर माया जोड़ी, संग चलेगा फूटी कौड़ी !!
तेरी खुल जाएगी पोल , रसना हरी हरी बोल !!
जितने तेरे संग संगाती , मरघट तक है केवल साथी !!
ह्रदय के पट खोल, रसना हरी हरी बोल !!
राम नाम का सुमिरन कर ले, भव् सागर से पार उतर ले !!
सत्य धर्म को तोल, रसना हरी हरी बोल !!
No comments:
Post a Comment