Tuesday 2 April 2013

वक्त निकल जाता है ....

वक्त निकल जाता है याद अमर रहती है !!
याद अमर रहती है हर बात अमर रहती है !!
बात अमर रहती फरियाद अमर रहती है !!
वक्त आता है तो इंसान बदल जाता है !!
वक्त आता है तो इमान बदल जाता है !!
वक्त आता है मन का ध्यान बदल जाता है !!
वक्त आता है तो भगवान बदल जाता है !!
वक्त वे वक्त की हर्साद अमर रहती है !!
वक्त निकल जाता है ....

भला इस वक्त ने ना किसको है मजबूर किया !!
वक्त ने कृष्ण को भी गोपियों से दूर किया !!
भरे संसार में जिसने नाएं मंजूर किया !!
मार दल उसे अभिमान को भी चूर किया !!
याद तो मरने के भी बाद अमर रहती है !!
वक्त निकल जाता है ...

वक्त आने में लोग साथ छोड़ देते हैं !!
हाथ में हाथ ले फिर हाथ छोड़ देते हैं !!
हम पथिकों की हर वो पथ छोड़ देते हैं !!
सत्य बिन प्रेम दीनानाथ छोड़ देते हैं !!
राम के नाम की मरजाद अमर रहती है !!
 वक्त निकल जाता है ...

तेरा जीवन है अनमोल...

तेरा जीवन है अनमोल, रसना हरी हरी बोल !!
क्यूँ कहता है मेरा मेरा, नहीं जगत में कुछ भी तेरा!!
रस में विष मत घोल, रसना हरी हरी बोल !!
पाप कपट कर माया जोड़ी, संग चलेगा फूटी  कौड़ी !!
तेरी खुल जाएगी पोल , रसना हरी हरी बोल !!
जितने तेरे संग संगाती , मरघट तक है केवल साथी !!
ह्रदय के पट खोल, रसना हरी हरी बोल !!
राम नाम का सुमिरन कर ले, भव् सागर से पार उतर ले !!
सत्य धर्म को तोल, रसना हरी हरी बोल !!

Tuesday 5 March 2013

सज रहा माँ का दरबार लाल फूलों से..

सज रहा माँ का दरबार लाल फूलों से,
लाल फूलों से सफ़ेद कलियों से,
सज रहा माँ का दरबार लाल फूलों से..

एक अँधा आया .. हाँ जी ..
रो रो के बोला .. हाँ जी..
माँ नैना देदो .. हाँ जी..
अंधे को नैना देना ..अंधे को नैना देना ..
सज रहा माँ का दरबार लाल फूलों से..

एक लंगड़ा आया .. हाँ जी ..
रो रो के बोलो .. हाँ जी..
माँ पैरा देदो .. हाँ जी..
लंगड़े को पैर देना.. लंगड़े को पैर देना..
सज रहा माँ का दरबार लाल फूलों से..